Saturday, January 29, 2011

सेर सिवराज है



सेर सिवराज है


सेर सिवराज है
इंद्र जिमी जम्भ पर बाड्व सुअम्ब पर
रावण सदम्भ पर रघुकुलराज है ||||
पौन बरिवाह पर | संभु रतिनाह पर |
ज्यो सहसबाह पर | राम द्विजराज है ||||
दावा द्रुम दंड पर | चिता मृग झुंड पर |
भूषण बितुंड पर | जैसे मृगराज है ||||
तेजतमअंस पर | कान्ह जिमी कंस पर |
त्यों म्लेंछ बंस पर| सेर सिवराज है ||||
-कविराज भूषण
अर्थ :
जंभासुरला जसा इंद्र , समुद्राला जसा वाडवाग्नी,गर्विष्ठ रावणाला ज्याप्रमाणे प्रभुराम, मेघाला ज्याप्रमाणे वादळ,मदनाला जसे शिव शंकर, सहस्रार्जुनाला ज्याप्रमाणे परशुराम,वृक्षाना ज्याप्रमाणे वणवा, हरिणांना जसा चीत्ता,अंधाराला जसा प्रकाश, कंसाला ज्याप्रमाणे श्रीकृष्ण,त्याचप्रमाणे नरसिंह असणारे शिवराय म्लेंच्छांचा नाश करतात
 

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